निखत ज़रीन नई विश्व चैंपियन महिला बॉक्सर की सफलता का सफर।

तुर्की(इस्तांबुल) में खेली गई विश्व महिला मुक्केबाज चैंपियनशिप (worldboxingchampionship2022) में भारतीय बॉक्सर ‘निखत ज़रीन’ ने फाइनल में अपनी थाईलैंड की प्रतिद्वंदी ‘जिटपोंग जुटामस’ को हराकर चैम्पियन का खिताब अपने नाम कर लिया है। इस तरह निखत ज़रीन भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाली पांचवी महिला बॉक्सर बन गई हैं इससे पहले भारत के लिए महिला मुक्केबाज़ी में मेरीकॉम,सरिता देवी, जेनी एरल एवं लेखा भारत के लिए स्वर्ण पदक हासिल कर चुकी हैं। निखत ज़रीन की जीत पर उन्हें देश और विदेश की नामी हस्तियों से बधाई मिली है। सबसे ज्यादा खुशी उन्हें बॉलीवुड ऐक्टर सलमान खान द्वारा बधाई देने से मिली,क्योंकि निखत का सपना था की सलमान खान उन्हें बधाई दें, सलमान ने ट्वीट के जरिए निखत को उनकी शानदार जीत के लिए बधाई दी।

निखत ज़रीन कौन हैं | who is Nikhat Zareen

निखत ज़रीन का जन्म तेलंगाना के निजामाबाद में 14 जून 1996 को एक मध्यम वर्गीय परिवार पिता मुहम्मद जमील अहमद और परवीन सुल्ताना के घर हुआ। करीब 13 साल की उम्र में ही उन्होंने बॉक्सिंग की शुरुआत कर दी थी।निखत की रुचि देखते हुए माता–पिता द्वारा निखत को विशाखापत्तनम में स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण साई में भर्ती कराया गया जहां इनकी ट्रेनिंग “द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त आईवी राव” की देख–रेख में हुई। मध्यम वर्गीय होने के वाबजूद भी इनके माता–पिता द्वारा बहुत अच्छी सपोर्ट मिली, जिसके दम पर निखत ने अपने सपने को साकार किया।

नाम निखत ज़रीन
उम्र 25साल( 14 जून 1996)
जन्म स्थान निज़ामाबाद ( तेलंगाना)
माता-पिता का नाम मुहम्मद जमील अहमद और परवीन सुल्ताना
खेल बॉक्सिंग
कोच इमानी चिरंजीवी,आरवी राव( द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त)
धर्म मुस्लिम

मुक्केबाज़ी में इरोड नेशनल से लेकर विश्व चैम्पियन तक का सफर:–

निखत को बचपन में ही मुक्केबाज़ी का शोक पैदा हुआ तब साल 2009 में भारतीय खेल प्राधिकरण साई में दाखिल होने के अगले ही साल निखत को 2010 में “इरोड नेशनल” में गोल्डन बेस्ट बॉक्सर घोषित किया गया।2011 के एआईबीए(AIBA) महिला युवा और जूनियर विश्व चैंपियनशिप में भारत के लिए गोल्ड मैडल हासिल किया।
2013 में बुल्गारिया के “महिला जूनियर और युवा विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप” में रजत पदक पर संतुष्ट होना पड़ा।

फिर साल 2014 में 51 किलो वर्ग में रूस की पल्टसेवा एकातेरिना को मात देकर सर्बिया के नोवी सैड में तीसरे “नेशन्स कप इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट” में गोल्ड मेडल जीता, साल 2015 में ज़रीन असम में “16वीं सीनियर वूमेन नेशनल बॉक्सिंग चैम्पियनशिप” में गोल्ड मेडल हासिल करने के साथ ही स्नातक की पढ़ाई करते रहते जालंधर में आयोजित “ऑल इंडिया इंटर-यूनिवर्सिटी बॉक्सिंग चैंपियनशिप” में “सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज़” बनीं। इसके बाद साल 2019 में बैंकॉक में आयोजित “थाइलैंड ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट” में रजत जीता।

तथा साल 2019 में ही बुल्गारिया की राजधानी सोफिया में आयोजित “स्ट्रैंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट” में ज़रीन ने 51 किलोग्राम वर्ग में फिलिपीन की आयरिश मैग्नो को मात देकर स्वर्ण पदक हासिल किया।इसी साल जूनियर नैशनल मुक़ाबलों में ज़रीन ने गोल्ड जीता और “बेस्ट बॉक्सर” का खिताब अपने नाम कर लिया। इस सफर को जारी रखते हुए निखत इस्तांबुल में खेली गई विश्व चैंपियनशिप 2022 को जीतकर दुनिया की सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज बन गई। इसी के साथ ज़रीन ने पूरे विश्व में अपनी मुक्केबाज़ी का लोहा मनवाया।

मेरीकॉम को मानती हैं आदर्श:–

निखत बचपन से ही भारतीय महिला बॉक्सर मेरीकॉम से प्रेरित रहीं हैं, बकौल निखत मेरीकॉम से उन्हें प्रेरना मिलती है और वही उनकी आदर्श रही हैं। लेकिन एक समय उनका आपस में विवाद भी रहा है हुआ यूं कि बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा छह बार की वर्ल्ड चैंपियन एमसी मैरीकॉम को ओलंपिक में बिना ट्रॉयल के ही 51 किलोग्राम भारवर्ग में भारत का प्रतिनिधि बना दिया गया, जिस पर निखत ने आपत्ति दर्ज कराई, तथा ट्रायल कराने के लिए आवाज उठाई|

उन्होंने इस वाबत खेल मंत्री किरण रिजिजू को चिट्ठी लिखी,आखिरकार मैरीकॉम और निखत के बीच ट्रायल कराया गया,जिसमे मैरीकॉम ने निखत को आसानी से हरा दिया। जीतने के बाद मैरीकॉम ने निखत से हाथ तक नहीं मिलाया था जिससे निखत का दिल टूटना स्वाभाविक था, क्योंकि निखत मैरीकॉम को खेलता देखकर हिम्मत जुटाती थीं,और मैरीकॉम के जैसी ही बॉक्सर बनना चाहती थीं। ट्रायल से पहले मैरीकॉम ने कहा था” कौन हैं निखत में तो उन्हे जानती तक नहीं”।

कहां से आया निखत को बॉक्सिंग का ख्याल:–

निखत जब छोटी थी तब उनके चाचा उन दिनों लड़कों को बॉक्सिंग की कोचिंग दिया करते थे, उन्हे देखकर ही निखत के मन में बॉक्सिंग का शोक पैदा हो गया, पिता ने निखत को शुरुआती ट्रेनिंग दी, बाद में निखत को इनके पिता ने विशाखापत्तनम में स्थित “भारतीय खेल प्राधिकरण साई” में भर्ती कराया जहां इनकी ट्रेनिंग “द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त आईवी राव” ने कराई। यही से निखत के बॉक्सिंग कैरियर की शुरुआत हुई।

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