विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी– 1 जून से पर्यटकों के लिए तोहफा।

वैसे तो उत्तराखण्ड में एक से एक प्रसिद्ध एवं खूबसूरत स्थान हैं लेकिन यहां के चमोली ज़िले में विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी अपनी अलग ही पहचान रखती है। जिसे देखने देश और विदेश से यहां खूब पर्यटक आते है।

फूलों की घाटी का नजारा देखते ही बनता है यहां लगभग 500 से अधिक अलग–अलग फूलों की प्रजातियां पाई जाती है, जिनके अलग अलग रंग और प्रकार होते हैं। यहां आकर दुनियां का सबसे अलग अनुभव प्राप्त होता है।

यहां  की नदियां,खूबसूरत झील ऊंचे पहाड़ है छोटे और बड़े झरने, घास के बड़े बड़े मैदान यहां की खूबसूरती में और अधिक चार चांद लगा देते है। चूंकि चमोली ज़िला उत्तराखण्ड में स्थित है इसलिए पर्यटकों को यहां सुंदर स्थानों के साथ धार्मिक स्थानों पर घूमने का मौका भी मिल जाता है।

कहां है फूलों की घाटी:–

फूलों की घाटी उत्तराखण्ड के चमोली जिले में स्थित है यहां पहुंचने के लिए सबसे आसान हरिद्वार पहुंचा जाता है, वहां से गोविंदघाट के लिए कार या बस से सफर किया जाता है, गोविंदघाट हरिद्वार से लगभग 280KM दूर है। गोविंदघाट चमोली जिले में फूलों की घाटी तक पहुंचने का आखिरी बस–अड्डा है।

यहां पहुंचने के लिए जिन मार्गों का इस्तेमाल किया जाता है वो सुंदरता से भरे हैं जो नदियों के साथ और अधिक सुहाने लगते हैं। यहां रास्ते में कई प्रसिद्ध स्थान भी पड़ते हैं जिनमे से जोशीमठ भी एक है। गोविंदघाट से फूलों की घाटी के एरिया में एंट्री करने के लिए 13 KM का रास्ता तय करना होता है।

यहां से हेलीकॉप्टर की भी सहायता ली जा सकती है। 13 किमी चलने के बाद आप अपने आपको फूलों की घाटी में पाएंगे, जहां आप दो पहाड़ों के बीच 500 मीटर चौड़ी और 3 किलोमीटर लंबी घाटी में फूलों की 500 से ज़्यादा प्रजातियों का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं।

क्यों प्रसिद्ध है यह स्थान:–

पहाड़ी पर खिले रंग–विरांगे फूल।

इसे फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाता है अंग्रेजी में इसको “valley OF FLOWERS” कहा जाता है। फूलों की घाटी को साल 2005 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर(world heritage sight) घोषित किया गया फूलों की घाटी, विश्व धरोहर नन्दा देवी अभयारण्य या नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान जो लगभग 87.5 वर्ग किमी में फैला का ही एक हिस्सा है।

यहां खूबसूरत फूलों की 500 से अधिक प्रजातियां ही इस स्थान को प्रसिद्ध बनाती हैं और पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। रंग बिरंगे फूल, खुशबूदार फिज़ा के साथ पहाड़ और मैदान और अधिक आकर्षक लगते हैं।अंग्रेजी पर्वतारोही फ्रैंक एस.स्मिथ (Frank S Smith) और उनके साथी आर.एल होल्डसवर्थ (R.L.Holdsworth) द्वारा फूलों की घाटी के ऊपर साल 1938 में एक किताब भी प्रकाशित कराई गई।

एक साल बाद 1939 में जॉन मार्गरेट नाम के महिला फूलों की घाटी देखने आयी और फूलों की घाटी से फूलों की बहुत सी प्रजातियों को अपने देश भेज दिया, यहां प्रवास के दौरान ही उसके साथ एक दुर्घटना हो गई और उसकी मृत्यु हो गई, जिसे बाद में फूलों की घाटी के एक शिलालेख में अंकित किया गया।

फूलों की घाटी की खोज:–

इस जगह को सबसे पहले अंग्रेजी पर्वतारोही फ्रैंक एस.स्मिथ (Frank S Smith) और उनके साथी आर.एल होल्डसवर्थ (R.L.Holdsworth) द्वारा खोजा गया था । ये मात्र एक संयोग था। हुआ यूं कि ये दोनो कामेट पर्वत पर साल 1931 में एक अभियान पर गए थे और वहां से वापस लोट रहे थे।

लोटते समय इन दोनो ने अपने आपको इस खूबसूरत स्थान पर पाया। यहां की खूबसूरती से ये दोनो इतने आकर्षित हुए, की साल 1937 को फिर से वापस आ गए और फूलों की घाटी में काफी समय बिताया। ये दुनिया को इस जगह के बारे में बताना चाहते थे इसलिए इन दोनो ने अगले ही साल 1938 में एक किताब लिख डाली।

इस किताब का नाम था “The valley of Flowers” इसके बाद ये जगह फूल प्रेमियों के लिए खास बन गई। और आज तक देश–विदेश से बहुत से पर्यटक यहां आते हैं।फूल प्रेमियों को ये जगह दुनिया में सबसे ज्यादा अपनी ओर खींचती है।

धार्मिक महत्व :–

कुछ लोग इसे रामायण से भी जोड़कर देखते है उनके अनुसार, हनुमान जी इस स्थान पर सबसे पहले आए थे। ये बही जगह है जहां उन्हे संजीवनी जड़ी–बूटी मिली थी। कुछ लोग इस घाटी को महादेव शिव जी से भी जोड़ते हैं उनके अनुसार ये शिव जी का निवास स्थान है, और इस घाटी का जन्म पिंडर(pinder) से हुआ है। इसलिए फूलों की घाटी को pindervalley के नाम से भी जाना जाता है। इस तरह अन्य और भी मत हैं जिनका अपना–अपना महत्व है।

यहां आने का सही समय:–

उत्तराखण्ड का राजकीय पुष्प–ब्रह्मकमल।

पर्यटकों के लिए ये घाटी हर साल 1 June को खोल दी जाती है। यहां जून, जुलाई,अगस्त और सितंबर तक लोग खूब आते है। लेकिन सितंबर का महीना यहां आने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि सितंबर के महीने में यहां उत्तराखण्ड का राजकीय पुष्प ब्रह्मकमल खिलता है,जिसका नजारा सबसे खूबसूरत होता है।

रंग–विरंगे फूलों को देखने के लिए लोग दुनिया भर से यहां आते हैं और फूलों की घाटी के खूबसूरत नजरों का आनंद लेते हैं।वनस्पति से जुड़े शोधकर्ता भी यहां शोध के लिए आते है। हर साल 1 june से tourists के लिए ये जगह खोल दी जाती है।

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